अपने सब चेहरे छुपा रखे है आईने में
मैं ने कुछ फूल खिला रखे है आईने में
तुम भी दुनिया को सुनाते हो कहानी झूटी
मैं ने भी परदे गिरा रखे है आईने में
फिर निकल आएगी सूरज की सुनहरी ज़ंजीर
ऐसे मौसम भी उठा रखे है आईने में
मैं ने कुछ लोगों की तस्वीर उतारी है "अलीम"
और कुछ लोग छुपा रखे है आईने में
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