Tuesday, May 5, 2009

उनको तस्सवारात में आने नही दिया
हालात ने यह लुत्फ़ उठाने नही दिया
गम मेरे साथ-साथ बहुत दूर तक गए
शिकवा मगर जुबां पर आने नही दिया
दस्तार गिर गई तो गिरे सर तो बच गया
कुछ बेहिसो को ज़र्फ़ खुदा ने नही दिया
था कितना दिल शिकन तेरी यादों का मरहला
आँखों को फिर भी अश्क बहाने नही दिया
मजबूरियों ने पाँव में ज़ंजीर डाल दी
हमने खुशी से आपको जाने नही दिया
मैं ख़ुद ही अपनी राह का paththar bana रहा
ऐसा nhi की साथ दुआ ने नही दिया
"aleem" मेरी saada dili ने कभी मुझे
aaina दोस्तों को dikhaane नही दिया


1 comment:

ap sabhi ka sawagat hai aapke viksit comments ke sath