हर एक इंसान को अच्छे रिश्ते अच्छे संस्कार और मेल जोल की ज़रूरत पड़ती है ताकि उसकी दुनयावी लिहाज़ से उसकी सारी ज़रुरियात (आवश्यकता) क़ाबिल ए गौर हो और वो एक अच्छा बाशिंदा (नागरिक) बन कर अपने मुल्क के लिए कुछ कर सके यही एक देशभक्ति है सो इन्सान को चाहिए कि आपसी ताल्लुकात बनाके एक दुसरे को लेकर चले जिससे हर एक कि ज़रुरियात पूरी हो सके और इंशाअल्लाह मेरी यह कोशिश होगी आप और हम पर कोई भी परेशानी आये, हम इससे निबटकर अपने मुल्क की हिफाज़त कर सके - आमीन! (सारे जहाँ से अच्छा, हिंदोस्तां हमारा)
Thursday, December 3, 2009
अशार
इस भरे शहर में हम किधर जायेंगे तुम सहारा न दोगे तो मर जायेंगे । आप रुसवाईयों से जो डर जायेंगे आईने की तरह हम बिखर जायेंगे । हमको परदेश में अब न रोको "अलीम" दिल परेशान है अपने घर जायेंगे ।
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ap sabhi ka sawagat hai aapke viksit comments ke sath
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