अगर रख सको तो एक निशानी हूँ मैं
खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं
रोक पाए न जिसको ये सारी दुनिया,
वोह एक बूँद आँख का पानी हूँ मैं....
सबको प्यार देने की आदत है हमें,
अपनी अलग पहचान बनाने की आदत है हमे,
कितना भी गहरा जख्म दे कोई,
उतना ही ज्यादा मुस्कराने की आदत है हमें...
इस अजनबी दुनिया में अकेला ख्वाब हूँ मैं,
सवालो से खफा छोटा सा जवाब हूँ मैं,
जो समझ न सके मुझे, उनके लिए "कौन"
जो समझ गए उनके लिए खुली किताब हूँ मैं,
आँख से देखोगे तो खुश पाओगे,
दिल से पूछोगे तो दर्द का सैलाब हूँ मैं,,,,,
अगर रख सको तो निशानी,
खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं"
लिखने वाला कोई अनजान ......
Bahut bahut khoobsoorat nazm ... kya kahoon ..!
ReplyDeleteKaunsa misra chhaantoon jise kah sakoon ke bahut achcha laga ! Koshish karte hoon ..
अगर रख सको तो एक निशानी हूँ मैं
खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं
रोक पाए न जिसको ये सारी दुनिया,
वोह एक बूँद आँख का पानी हूँ मैं....
सवालो से खफा छोटा सा जवाब हूँ मैं,
waah
जो समझ न सके मुझे, उनके लिए "कौन"
जो समझ गए उनके लिए खुली किताब हूँ मैं,
bahut khoob
badhai!
God bless
RC
Bahut bahut khoobsoorat nazm ... kya kahoon ..!
ReplyDeleteKaunsa misra chhaantoon jise kah sakoon ke bahut achcha laga ! Koshish karte hoon ..
अगर रख सको तो एक निशानी हूँ मैं
खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं
रोक पाए न जिसको ये सारी दुनिया,
वोह एक बूँद आँख का पानी हूँ मैं....
सवालो से खफा छोटा सा जवाब हूँ मैं,
waah
जो समझ न सके मुझे, उनके लिए "कौन"
जो समझ गए उनके लिए खुली किताब हूँ मैं,
bahut khoob
badhai!
God bless
RC
Bahut bahut khoobsoorat nazm ... kya kahoon ..!
ReplyDeleteKaunsa misra chhaantoon jise kah sakoon ke bahut achcha laga ! Koshish karte hoon ..
अगर रख सको तो एक निशानी हूँ मैं
खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं
रोक पाए न जिसको ये सारी दुनिया,
वोह एक बूँद आँख का पानी हूँ मैं....
सवालो से खफा छोटा सा जवाब हूँ मैं,
waah
जो समझ न सके मुझे, उनके लिए "कौन"
जो समझ गए उनके लिए खुली किताब हूँ मैं,
bahut khoob
badhai!
God bless
RC
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ReplyDeleteइश्क प्यार और मोहब्बत, सब खुदा की रहमत।
ReplyDeleteशानदार रचना। बधाई।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
आपकी ख़ूबसूरत टिपण्णी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया! दरअसल मैं तिन दिनों की छुटी में घुमने गई थी इसलिए आपके मेल का जवाब नहीं दे पाई! मैं आपसे नाराज़ क्यूँ होने लगूँ!
ReplyDeleteमाशाल्लाह क्या कविता लिखा है आपने! मोहब्बत मोहब्बत और सिर्फ़ मोहब्बत भरा कविता है जो मुझे बेहद पसंद आया! लाजवाब है! जितनी भी तारीफ की जाए कम है!
bhut achi najm hai
ReplyDeletenice poem..
ReplyDeletelekin mujhe aisa laga ki ye maine pehle bhi kahi padhi huyi hai.. aapne hi likhi hai???
Ek hi shabad kahungi "OOMDA"
ReplyDeletebahut sundar boss.
ReplyDeleteis kavita ko padhkar dil ek alag se ahsaas me chala gaya .. behatreen lekhan . yun hi likhte rahe ...
badhai ...
dhanywad.
vijay
pls read my new poem :
http://poemsofvijay.blogspot.com/2009/05/blog-post_18.html
gud one :)..but that was lill tuff for me to compile ..i guess..due2 hindi skill :| incompetence.
ReplyDeletechha gaye guru......
ReplyDeleteअगर रख सको तो एक निशानी हूँ मैं
ReplyDeleteखो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं
रोक पाए न जिसको ये सारी दुनिया,
वोह एक बूँद आँख का पानी हूँ मैं....
सबको प्यार देने की आदत है हमें,
अपनी अलग पहचान बनाने की आदत है हमे,
कितना भी गहरा जख्म दे कोई,
उतना ही ज्यादा मुस्कराने की आदत है हमें...
बहुत खूब .....बहुत गहरी बात कह दी ....!!