माँ से मुझको राहत है
माँ ही मेरी चाहत है ।
माँ ऐसी हस्ती है
जिससे रौशन दिल की बस्ती है ।
माँ ने मुझको पाला है
पाला है और संभाला है ।
दुःख मेरे वोह सहती है
फिर भी खुश रहती है ।
देखकर वोह मुझे जीती है
मेरी बलाएं वोह लेती है ।
माँ के दम से आन है मेरी
माँ के दम से शान है मेरी।
हर एक इंसान को अच्छे रिश्ते अच्छे संस्कार और मेल जोल की ज़रूरत पड़ती है ताकि उसकी दुनयावी लिहाज़ से उसकी सारी ज़रुरियात (आवश्यकता) क़ाबिल ए गौर हो और वो एक अच्छा बाशिंदा (नागरिक) बन कर अपने मुल्क के लिए कुछ कर सके यही एक देशभक्ति है सो इन्सान को चाहिए कि आपसी ताल्लुकात बनाके एक दुसरे को लेकर चले जिससे हर एक कि ज़रुरियात पूरी हो सके और इंशाअल्लाह मेरी यह कोशिश होगी आप और हम पर कोई भी परेशानी आये, हम इससे निबटकर अपने मुल्क की हिफाज़त कर सके - आमीन! (सारे जहाँ से अच्छा, हिंदोस्तां हमारा)
Saturday, October 31, 2009
ग़ज़ल
किया है प्यार हमने ज़िन्दगी की तरह
वोह आशना भी मिला हम से अजनबी की तरह ।
सितम तो यह है वो भी न बन सका अपना
कुबूल हमने किए जिसके गम खुशी की तरह।
बढ़ा के प्यास मेरी उसने हाथ छोड़ दिया
वोह कर रहा था मुरव्वत दिल्लगी की तरह।
कभी न सोचा था हमने "अलीम" उसके लिए
करेगी वोह सितम हम पे हर किसी की तरह।
वोह आशना भी मिला हम से अजनबी की तरह ।
सितम तो यह है वो भी न बन सका अपना
कुबूल हमने किए जिसके गम खुशी की तरह।
बढ़ा के प्यास मेरी उसने हाथ छोड़ दिया
वोह कर रहा था मुरव्वत दिल्लगी की तरह।
कभी न सोचा था हमने "अलीम" उसके लिए
करेगी वोह सितम हम पे हर किसी की तरह।
Friday, October 30, 2009
अशार
क्यो हमसे है वो खफा आजकल
उनसे मोहब्बत हुए ज़माना बीत गया ।
उनके उन्ही अदाओं पर मैं सदके जाऊं
महज़ यह लफ्ज़ अब एक फ़साना बन गया ।
लाख कोशिशों के उनकी चाहते खफगी के बाद
अब फिर चाहना उनको मेरा हौसला बना गया ।
ए खुदा फिर कभी ऐसे मोहब्बत का इम्तिहान मत ले
अब इश्क पर फौत होना मेरा ईमान बन गया ।
अब न होगा किसी और को शामिल अलीम
यह मेरी पुरी ज़िन्दगी का अहद बन गया ।
उनसे मोहब्बत हुए ज़माना बीत गया ।
उनके उन्ही अदाओं पर मैं सदके जाऊं
महज़ यह लफ्ज़ अब एक फ़साना बन गया ।
लाख कोशिशों के उनकी चाहते खफगी के बाद
अब फिर चाहना उनको मेरा हौसला बना गया ।
ए खुदा फिर कभी ऐसे मोहब्बत का इम्तिहान मत ले
अब इश्क पर फौत होना मेरा ईमान बन गया ।
अब न होगा किसी और को शामिल अलीम
यह मेरी पुरी ज़िन्दगी का अहद बन गया ।
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