क्यो हमसे है वो खफा आजकल
उनसे मोहब्बत हुए ज़माना बीत गया ।
उनके उन्ही अदाओं पर मैं सदके जाऊं
महज़ यह लफ्ज़ अब एक फ़साना बन गया ।
लाख कोशिशों के उनकी चाहते खफगी के बाद
अब फिर चाहना उनको मेरा हौसला बना गया ।
ए खुदा फिर कभी ऐसे मोहब्बत का इम्तिहान मत ले
अब इश्क पर फौत होना मेरा ईमान बन गया ।
अब न होगा किसी और को शामिल अलीम
यह मेरी पुरी ज़िन्दगी का अहद बन गया ।
बहुत प्यारे अशार कहे हैं आपने। बधाई।
ReplyDelete--------------
स्त्री के चरित्र पर लांछन लगाती तकनीक
आइए आज आपको चार्वाक के बारे में बताएं
bahut sunder.......good one
ReplyDelete