हर एक इंसान को अच्छे रिश्ते अच्छे संस्कार और मेल जोल की ज़रूरत पड़ती है ताकि उसकी दुनयावी लिहाज़ से उसकी सारी ज़रुरियात (आवश्यकता) क़ाबिल ए गौर हो और वो एक अच्छा बाशिंदा (नागरिक) बन कर अपने मुल्क के लिए कुछ कर सके यही एक देशभक्ति है सो इन्सान को चाहिए कि आपसी ताल्लुकात बनाके एक दुसरे को लेकर चले जिससे हर एक कि ज़रुरियात पूरी हो सके और इंशाअल्लाह मेरी यह कोशिश होगी आप और हम पर कोई भी परेशानी आये, हम इससे निबटकर अपने मुल्क की हिफाज़त कर सके - आमीन! (सारे जहाँ से अच्छा, हिंदोस्तां हमारा)
Monday, December 14, 2009
आशार
आज मैं अपनी प्यास बुझाने आया हूँ , उसके दिल में आग लगाने आया हूँ।
तुझ बिन कैसे रह पाऊगा दुनिया में, अपने दिला का हाल सुनाने आया हूँ। सुन कर आहट उसके कदमो की खिड़की पर, अपना चेहरा उसको दिखाने आया हूँ।
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ap sabhi ka sawagat hai aapke viksit comments ke sath
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