Wednesday, March 9, 2011

मिलते हैं बिछड़ते हैं लुटते है सभी सपने
दुनिया में मोहब्बत की इतनी सी कहानी है!

हम भी यूही मर जाते, मिट जाते ,फना हो जाते
ज़िंदा हैं मोहब्बत में हैरत की निशानी है!

सपने तो दिखाती है ताबीर नहीं मिलती
कहते है मोहब्बत की ये रीत पुरानी है !

3 comments:

  1. मैं पिछले कुछ महीनों से ज़रूरी काम में व्यस्त थी इसलिए लिखने का वक़्त नहीं मिला और आपके ब्लॉग पर नहीं आ सकी!
    वाह ! बहुत खूब लिखा है आपने! बेहतरीन प्रस्तुती!

    ReplyDelete
  2. As usual bahut badiya likha haa apne....aise hi aacha likhte rahein......

    ReplyDelete

ap sabhi ka sawagat hai aapke viksit comments ke sath