तेरे सिवा किसी की तमन्ना करू मैं
ऐसा कभी हुआ है जो ऐसा करू मैं ।
गो गम अज़ीज़ है तेरे फ़िराक का
फिर उसी इम्तिहान का शिकवा करू मै
आँखों को अश्क खू भी फराहम करू गा
दिल के लिए दर्द मुहैय्या करू मैं ।
यह रह गुज़र की जाए क्यामो करार है
यानी उस गली स भी गुजरा करू मैं ।
यानी कुछ इस तरह की तुझे भी खबर न हो
इस एहतियात स तुझे देखा करू मैं ।
हैरानो दिल शिकेश्ता हूँ इस हाले जार पर
कब जानता था अपना तमाशा करुगा मैं ।
हाथ खींच लूंगा वक़्त की ज़ंजीर पओसे
अब के बहार आती तो ऐसा करू मैं।
तेरे सिवा किसी की तमन्ना करू मैं
ReplyDeleteऐसा कभी हुआ है जो ऐसा करू मैं ।
प्रेम से भीगी सुंदर नज़्म .....!!
bahut khub sundar rachna
ReplyDeleteabhar .................
superb! khoobsoorat.....kuch urdu words ka meaning bhi likh diya kariye & remove word verification
ReplyDeleteआँखों को अश्क खू भी फराहम करू गा
ReplyDeleteदिल के लिए दर्द मुहैय्या करू मैं ।
वाह वाह लाजवाब पंक्तियाँ! दिल की गहराई से आपने बहुत ही शानदार ग़ज़ल प्रस्तुत किया है! बधाई!
तेरे सिवा किसी की तमन्ना करू मैं
ReplyDeleteऐसा कभी हुआ है जो ऐसा करू मैं ।
Bahut sundar ...!!
Very touchy...
Rgds,
Dimple