Tuesday, February 16, 2010

दर्दे दिल


तेरे सिवा किसी की तमन्ना करू मैं

ऐसा कभी हुआ है जो ऐसा करू मैं ।


गो गम अज़ीज़ है तेरे फ़िराक का

फिर उसी इम्तिहान का शिकवा करू मै


आँखों को अश्क खू भी फराहम करू गा

दिल के लिए दर्द मुहैय्या करू मैं ।


यह रह गुज़र की जाए क्यामो करार है

यानी उस गली स भी गुजरा करू मैं ।


यानी कुछ इस तरह की तुझे भी खबर न हो

इस एहतियात स तुझे देखा करू मैं ।


हैरानो दिल शिकेश्ता हूँ इस हाले जार पर

कब जानता था अपना तमाशा करुगा मैं ।


हाथ खींच लूंगा वक़्त की ज़ंजीर पओसे

अब के बहार आती तो ऐसा करू मैं।

5 comments:

  1. तेरे सिवा किसी की तमन्ना करू मैं

    ऐसा कभी हुआ है जो ऐसा करू मैं ।

    प्रेम से भीगी सुंदर नज़्म .....!!

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  2. bahut khub sundar rachna
    abhar .................

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  3. superb! khoobsoorat.....kuch urdu words ka meaning bhi likh diya kariye & remove word verification

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  4. आँखों को अश्क खू भी फराहम करू गा
    दिल के लिए दर्द मुहैय्या करू मैं ।
    वाह वाह लाजवाब पंक्तियाँ! दिल की गहराई से आपने बहुत ही शानदार ग़ज़ल प्रस्तुत किया है! बधाई!

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  5. तेरे सिवा किसी की तमन्ना करू मैं
    ऐसा कभी हुआ है जो ऐसा करू मैं ।

    Bahut sundar ...!!
    Very touchy...
    Rgds,
    Dimple

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ap sabhi ka sawagat hai aapke viksit comments ke sath