Thursday, December 3, 2009

अशार

इस भरे शहर में हम किधर जायेंगे
तुम सहारा न दोगे तो मर जायेंगे ।
आप रुसवाईयों से जो डर जायेंगे
आईने की तरह हम बिखर जायेंगे ।
हमको परदेश में अब न रोको "अलीम"
दिल परेशान है अपने घर जायेंगे ।

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